Friday, September 11, 2009

Hindi Love Poems

Hindi Love Poems : Collection of Hindi Love Poems : Hindi Love Poems


In this page we are providing A Collection of
Love Poems in Hindi . , Love shayri .Hindi love poems can best express the deepest feelings of heart in an effective manner. Addiction of Hindi love poems is the flavor of the season. There are various types of Hindi love poems that encompasses all types of human emotions from happy to sad and mystical to celebration.

Hindi Comedy Poems Blog presents New collection of Hindi Love Poems .


पहली नज़र मिली थी आशिकी बनकर

पर वो आज भी मिलती है अजनबी बनकर
मेरी तम्मनाओं को अपनी आँखों में जगह दे दे
थोड़ा सा प्यार मुझे भी बेवजह दे दे
कुछ चार पल का साथ इस तरह दे दे
सारी उम्र जीने की वजह दे दे | :


है हसरते मेरी हिमाकत अगर
वादा है आपके तरफ फिर न उठेगी नज़र
ला,थोड़ा सा मुझे ज़हर दे दे
खुद को दफना संकू इतनी तो जगह दे दे
कुछ चार पल का साथ इस तरह दे दे
सारी उम्र जीने की वजह दे दे |


Hindi Love Poems Collection


Khamosh raat ke pehlume sitare na hote,
inn rukhi aankho mein rangeen nazare na hote,
YAKIN maniye hum bhi na karte parwah,
Agar aap itne pyare na hote.

Pyaar ko dolat ki nazar se na dekh Faraz….
Insaan ban, Zardari na Ban.

Usey kehna k bin us k din nahin kat'ta
Sisik sisik k kati hai raat usey kehna

Teri surat se nhi malti kesi ki surat,
teri tasvir ko hum hathu me ley pharte hai.

Jab kisi ke sapne kisi ke aaman ban jaye,
jab kisi ki hasi kisi ki muskan ban jaye,
pyar kehte hai use,
jab kisi ki saanse kisi ki jaan ban jaye.



Hindi Love Poems Collection :




* Khamosh raat ke pehlume sitare na hote, Inn rukhi aankho mein rangeen nazare na hote,
YAKIN maniye hum bhi na karte parwah, Agar aap itne pyare na hote.

* Pyaar ko dolat ki nazar se na dekh Faraz…. Insaan ban, Zardari na Ban.

* Usey kehna k bin us k din nahin kat'ta
Sisik sisik k kati hai raat usey kehna

* teri surat se nhi malti kesi ki surat,

teri tasvir ko hum hathu me ley pharte hai.

* Jab kisi ke sapne kisi ke aaman ban jaye,
jab kisi ki hasi kisi ki muskan ban jaye,
pyar kehte hai use,
jab kisi ki saanse kisi ki jaan ban jaye.


Tags : Hindi Love poems, Love poems in hindi , good love hindi poems , Collection of hindi love poems

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Monday, June 15, 2009

Hindi Poems - हम वो गुलाब है

हम वो गुलाब है

हम वो गुलाब है जो टूट कर भी मुस्कान छोड़ जाते हैं,
दुसरों के रिश्ते बनाते फिरते हैं और खुद तन्हा रह जाते हैं ।

दुनिया के प्रेम प्रसंगो में हम गुलाबों को टूटना हीं पड़ता है,
और हमे देने वाले हर प्रेमी को झुकना हीं पड़ता है,
कभी हमे फरमाइश कभी नुमाइश बना दिया,
जी चाहा ज़ुल्फों में लगाया,जी चाहा सेज़ पे सज़ा दिया,
मेरे तन को छेड़ कर , दीवाने कैसे मचल जाते हैं,
दुसरों के रिश्ते बनाते फिरते हैं और खुद तन्हा रह जाते हैं ।

बात अभी इतनी होती तो क्या बात थी,
पर अभी और भी काली होने वाली रात थी,
मेरे अरमानों को कुचल कर इत्र बना दिया,
और दिखावटी शिशियों में भर कर सजा दिया,
हम मर कर भी साँसों में महक छोड़ जाते है,
दुसरों के रिश्ते बनाते फिरते हैं और खुद तन्हा रह जाते हैं ।

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Friday, June 5, 2009

Fun Hindi Kavita - मच्छरजी महाराज

मच्छरजी महाराज
एक दिन बोला मच्छर,
पढ लिख मैं भी हो गया हूँ साछर,
तूने बहुत मस्ती की है, बहुत खुन बनाया है,
अब मैं मौज़ करूँगा, तू बैठा रह मै तेरा खून पिऊँगा

मैं बोला-अबे मच्छर हो कर मेरा खून पिएगा,
ये तो हमारे हिन्दी फिल्मों के बड़े बड़े हिरो किया करते है,
गाना गाकर खून पीने का मेरा उनीक तरीका है,
अरे उन सब चेलो ने तो मुझसे ही सीखा है

अपने औकात मेम रह , मच्छर होकर मुझसे जबान लड़ाता है,
मुझे औकात सीखाता है , जानता नही यह मच्छरो का देश है,
यहाँ एक एक आदमी पर सै सौ मच्छर नज़र आता है,
इतने गोली बन्दूक चलते है,पर भला कोई मच्छर भी कभी मरता है,
मरते हो तुम सब वह भी कुत्ते की मौत,
मच्छर तो क्वाइल पर भी डांस किया करता है

मच्छरजी महाराज मुझे माफ़ कीजिए,
बदले में चाहे जितना खून साफ़ कीजिए,
खून पीकर बोला मच्छर,
थू यह तो बासी है,
जरूर तू भी औरो का खून पीता है तभी तो फूल होकर गया हाथी है,
ये तूम क्या बक रहे हो, लगता है आजकल मुँह नही धो रहे हो

तुम्हे मालूम होना चाहिए मच्छरो के दाँत नही हुआ करते है,
मुँह के गन्दे तो ईन्सान है तभी सुबह शाम ब्रश किया करते है,
सुनो इस बार मैं चुनाव में खड़ा हो रहा हूँ,
बस मलेरिया छाप पर ही मुहर लगाना,
नही तो सुढ घोप सारा खून चूस लूँगा,
फिर पड़ेगा जिन्दगी भर पछताना

अच्छा अब यह मेरे आरम का वक्त है हम अभी चलते है,
दिन भर आराम करो फिर रात को मिलते है ।...

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Tuesday, May 26, 2009

Famous Hindi poems

Sarfaroshi ki Tamanna


सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
- By Ram Prasad Bismil

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है ।

करता नहीं क्यों दुसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफिल मैं है ।

रहबर राहे मौहब्बत रह न जाना राह में
लज्जत-ऐ-सेहरा नवर्दी दूरिये-मंजिल में है ।

यों खड़ा मौकतल में कातिल कह रहा है बार-बार
क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है ।

ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार
अब तेरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफिल में है ।

वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमां,
हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है ।

खींच कर लाई है सब को कत्ल होने की उम्मींद,
आशिकों का जमघट आज कूंचे-ऐ-कातिल में है ।

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है ।

है लिये हथियार दुश्मन ताक मे बैठा उधर
और हम तैय्यार हैं सीना लिये अपना इधर
खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

हाथ जिनमें हो जुनून कटते नही तलवार से
सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से
और भडकेगा जो शोला सा हमारे दिल में है
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

हम तो घर से निकले ही थे बांधकर सर पे कफ़न
जान हथेली में लिये लो बढ चले हैं ये कदम
जिंदगी तो अपनी मेहमान मौत की महफ़िल मैं है
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

दिल मे तूफानों की टोली और नसों में इन्कलाब
होश दुश्मन के उडा देंगे हमे रोको न आज
दूर रह पाये जो हमसे दम कहाँ मंजिल मे है
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

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Friday, May 22, 2009

Hindi Poems - Hum Phir Melenge

Hindi Poems 

हम फिर मिलेंगे

फिर मिला देना हमें ऐ आसमान,
अगर मिल जाए तुझको वक्त कहीं,
कि अब उन्हें जाने से कैसे रोक लें हम,
कि उनके आँसुओ पर भी हमारा हक नहीं ।

मेरी अनछुई हसरतें बन गई एक हसीन भ्रम तो क्या,
ये दुरियाँ, मज़बुरियाँ फैली दूर तक सही,
पर मुझे होश में आने से रोक ले कोई,
कि अभी तक पहुँचे ख्वाबों के दहलीज तक नहीं ।

जो देखा सुना उसे सच मान बैठे,क्या करें,
भला अपनी आँखों पर तो करता कोई शक नहीं,
उसकी हँसी को नाम देने में अनमोल पल खो दिए,
हर रिस्ते का कोई नाम हो,इसकी जरुरत तो नहीं ।

प्रेम की एक भींगी किरण ह्रिदय में मचलती तड़पती रह गई,
खुद से थोड़ा नाराज़ और दुखी हूँ मैं क्यों लब मेरे खुले आज तक नही,
छुरियों की धार से हाथ की रेखाएँ नही बदली जाती,
जहाँ भी हो खुश रहो अगर फिर मुझे किसी से कोई शिकायत नही ।

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Friday, May 15, 2009

HIndi Poems - शहीदों की मौत होती सबको हासिल नहीं है

न्याय का बना बैठा रक्षक वही है जो
ख़ुद सर उठाने के काबिल नही है
तेरा सर उठता भी है तो भर के आँखों में आंसू
तू मर्द कहलाने के काबिल नही है |

बारूद का कालिख पोत गया कोई मुंह में
फ़िर भी खून तुम्हारा खौलता नही है
ये न सोंचो की बच जाओगे ओढ़ कर कायरता की चादर 
कीडे मकोडों की मौत ,अरे मिलनी तुमको भी वही है |

राज जानते हो फ़िर भी खोये हो किस सोंच ,भंवर में
कुछ तो ऐसा करो की उठ सको अपनी नज़र में
हाँ,हर तरफ़ जंगल है और आग सी लगी है
कब तक रोते रहोगे हाथ मलते बैठे घर में |

कितना जोर का तमाचा मार गया कोई गाल पर
अब तो तरस खाओ अपने हाल पर
अभी भी पशुता न छोड़ी तो दिन दूर नही
जब बांधे जाओगे खूंटे से रस्सी डाल कर |

बस एक बार कदम उठा कर तो देखो
ख़ुद को जलाना इतना भी मुश्किल नही है
मर भी गए परवाने तो कोई गम नहीं
शहीदों की मौत होती सबको हासिल नहीं है |

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Thursday, May 14, 2009

Hindi-Poems -नई सोच

Hindi Poems -नई सोच


पानी के कुछ बुलबुलों में दुनिया जहान को डूबते देखा है,
सभ्यता की नई गलियों में इन्सान को मिटते देखा है,
गूँज वही है पर साज़ नए हैं,
आँसू वही हैं पर बहने के अंदाज नए है,
कितने अनजाने आए और मित्र बन गए,
और कुचले हुए गुलाब भी ईत्र बन गए,
पर आने वाले वक्त को किसने देखा है,
सभ्यता की नई गलियों में इन्सान को मिटते देखा है ।

जिन सवालों को लेकर चले थे,
जब उनके जवाब हीं बेमाने हो गए,
तो खुद ब खुद बंद होने लगीं खिड़कियाँ,
लोग कितने सयाने हो गए,
दिल हो गए पत्थर के जब से,
मैने खुद को दीवारों से बातें करते देखा है,
सभ्यता की नई गलियों में इन्सान को मिटते देखा है ।

ना वैसे कभी चली थी ,ना वैसे कभी चलेगी,
जैसा हम दुनाया के बारे में सोचते है,
फिर क्यों कभी खुद को कभी दुनिया को कोसते है,
अगर मीरा जैसे बनेंगे दीवाने ,
फिर लोग तो मारेंगे हीं ताने,
पर वक्त ने उसी दुनिया को उसके पैरों पर गिरते देखा है,
सभ्यता की नई गलियों में इन्सान को मिटते देखा है ।

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